नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। बैंगनी रंग के उज्ज्वल और सुगंधित फूल ‘कृष्णा कमल’ न केवल इसकी सुंदरता से मोहित हैं, बल्कि इसके औषधीय गुण इसे आयुर्वेद में विशेष बनाते हैं। प्रिय भगवान कृष्ण, इस फूल को अंग्रेजी में ‘पैशन फ्लावर’ कहा जाता है। यह न केवल घर के वातावरण को सकारात्मक बनाता है, बल्कि अनिद्रा, तनाव सहित अन्य मानसिक और शारीरिक समस्याओं को भी भेजता है।
कृष्ण कमल पेशाब के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह और जलन से कई समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
आयुर्वेदचर्या का कहना है कि आज की जीवनशैली इतनी भाग रही है और परेशान है कि मानसिक समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसी स्थिति में, कृष्णा कमल की खपत बहुत प्रभावी साबित हो सकती है।
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कृष्णा कमल और रेडियो कार्यक्रम ‘मान की बाट’ के एक एपिसोड में इसके लाभों का उल्लेख किया है।
आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि कृष्ण कमल का धार्मिक और औषधीय महत्व है। यह फूल भगवान कृष्ण, ब्रह्म, विष्णु और महेश के लिए प्रिय है और इसका उल्लेख महाभारत में भी किया गया है। आयुर्वेद में, इसके गुणों को स्वास्थ्य के लिए एक वरदान माना जाता है। यह मन को शांति देता है और कई बीमारियों से राहत देता है।
कृष्णा कमल की सुंदरता और औषधीय गुण इसे प्रकृति के कीमती उपहार बनाते हैं। यह फूल न केवल मोहित है, बल्कि स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कृष्ण कमल की चाय अनिद्रा और तनाव से राहत देती है। यह मानसिक शांति के साथ -साथ शारीरिक समस्याओं को भी हटा देता है।
कृष्णा लोटस का सेवन करना भी बहुत आसान है। इसके लिए, एक कप पानी में एक चम्मच सूखे फूल पाउडर उबालें, इसे 5-10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर फ़िल्टर करें और गुनगुने पीएं। इसे दिन में 2-3 बार लिया जा सकता है। अनिद्रा से पीड़ित लोग सोने से पहले इसका सेवन कर सकते हैं।
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