नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। इज़राइल और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक रक्त परीक्षण विकसित किया है जो आसानी से ल्यूकेमिया जैसे घातक रक्त कैंसर के प्रारंभिक जोखिम का पता लगा सकता है।
यह अध्ययन ‘नेचर मेडिसिन’ नामक एक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। यह खोज mylodisplastic सिंड्रोम (MDS) नामक रक्त विकारों की पहचान करने में सहायक होगी, जिससे गंभीर एनीमिया और माइलॉयड ल्यूकेमिया हो सकता है।
वर्तमान में अस्थि मज्जा के नमूनों की जांच एमडीएस का पता लगाने के लिए की जाती है, जिसके लिए स्थानीय एनीमिया की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया रोगियों के लिए दर्दनाक और असुविधाजनक है। हालांकि, नया रक्त परीक्षण इस कठिन प्रक्रिया को बदल सकता है।
इजरायली के विस्मान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्तप्रवाह में मौजूद दुर्लभ स्टेम कोशिकाएं एमडीएस का प्रारंभिक संकेत दे सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने उन्नत प्रौद्योगिकी, एकल-कोशिका आनुवंशिक अनुक्रम का उपयोग करके इन कोशिकाओं का विश्लेषण किया। इससे, बीमारी का पता एक साधारण रक्त के नमूने से लगाया जा सकता है। यह परीक्षण न केवल एमडीएस में, बल्कि भविष्य में अन्य उम्र से संबंधित रक्त विकारों में भी उपयोगी हो सकता है।
अध्ययन से यह भी पता चला कि ये स्टेम सेल एक जैविक घड़ी के रूप में कार्य करते हैं, जो व्यक्ति की उम्र के बारे में जानकारी देता है। शोध में पाया गया कि पुरुषों में इन कोशिकाओं में परिवर्तन महिलाओं की तुलना में जल्दी आते हैं, जिसके कारण पुरुषों में रक्त कैंसर अधिक देखा जाता है।
विज़मैन संस्थान के डॉ। ब्लू फ्यूरर ने कहा, “ये कोशिकाएं उम्र के साथ बदलती हैं और पुरुषों में उनके परिवर्तन जल्दी से बदल जाती हैं, जिससे उनके कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।”
यह नया रक्त परीक्षण रक्त कैंसर के उपचार को आसान और कम दर्दनाक बना सकता है। इसके अलावा, भविष्य में, यह दूसरी उम्र से संबंधित रक्त रोगों का पता लगाने में भी सहायक हो सकता है। दुनिया के कई अस्पताल इस खोज के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण पर जा रहे हैं।
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