• August 2, 2025 8:47 pm

ब्रेस्ट फीडिंग वीक: यह पौधा स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान है, सेवन से माँ और बच्चे दोनों को लाभ होता है

ब्रेस्ट फीडिंग वीक: यह पौधा स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान है, सेवन से माँ और बच्चे दोनों को लाभ होता है


नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। माँ का दूध पहले छह महीनों के लिए बच्चे को आवश्यक सभी पोषण प्रदान करता है। यह पोषक तत्वों में समृद्ध है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह बच्चे को कई संक्रमणों से बचाने में मदद करता है और साथ ही कई समस्याओं से भी। विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) चल रहा है। ऐसी स्थिति में, कई जड़ी -बूटियाँ हैं, जो न केवल बच्चे के लिए बल्कि माँ के लिए भी फायदेमंद हैं। ऐसी ही एक जड़ी बूटी का नाम शतावरी है, जो स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान है।

प्रसव के बाद माँ के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान भी फायदेमंद हो सकता है, और इससे माताओं में कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।

भारत सरकार के आयुष का मंत्रालय इस तरह के एक औषधीय गुणों में समृद्ध संयंत्र के बारे में जानकारी देता है। मंत्रालय के अनुसार, “शतावरी (सतवर) स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। यह ठंडी-उगने वाली जड़ी-बूटियां जो भारत और पाकिस्तान में जंगली हो जाती हैं, न केवल माताओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं, बल्कि बच्चे के लिए भी फायदेमंद हैं। सत्वर की जड़ें प्रजनन में सुधार करने में सहायक हैं।

‘शतावरी’ एक बहु -वर्ष का पौधा है, जिसकी जड़ें औषधीय गुणों में समृद्ध हैं। ‘शतावरी’ का अर्थ है ‘सौ रोगों को नष्ट करना।’ यह जड़ी बूटी मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्रों, दक्षिण भारत और अन्य उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है।

आयुर्वेद के अनुसार, शतावरी शांत, पौष्टिक है और इसमें एक रासायनिक (कायाकल्प) गुण हैं, जो वात और पित्त दोषों को संतुलित करता है। यह प्रजनन स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन और पाचन तंत्र को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, शतावरी स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक वरदान है। यह एक गैलेक्टागोग (दूध उत्पादन) जड़ी बूटी के रूप में कार्य करता है, जो दूध की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाता है। यह माताओं में शक्ति, ऊर्जा और ऊर्जा का संचार करता है, जो प्रसवोत्तर थकान और कमजोरी से राहत देता है। संतावर सफेद ल्यूकोरिया, अनियमित मासिक धर्म और पीठ दर्द जैसी समस्याओं को खत्म करने में भी मदद करता है।

इसके शांत गुण तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद है। बच्चे को पौष्टिक दूध प्राप्त करके उनके शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार होता है।

शतावरी का सेवन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि पाउडर, कैप्सूल, काढ़ा या दूध। काढ़ा के लिए, शतावरी की जड़ को पानी में उबाला जाता है और उपभोग किया जाता है। हालांकि, यह आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि खुराक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। गर्भवती या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाली महिलाओं को विशेष देखभाल करनी चाहिए।

आधुनिक अनुसंधान भी सतवर के गैलेक्टागोग्स और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की पुष्टि करता है। यह न केवल स्तनपान को बढ़ावा देता है, बल्कि माताओं के समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।

-इंस

माउंट/केआर



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