नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। मिठास को धीमी गति से जहर के समान माना जाता है, जो धीरे -धीरे नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, एक मिठास भी है जो फायदेमंद है और सीमित मात्रा में उपयोग करके नुकसान नहीं पहुंचाता है। हाँ! यह गुड़ के बारे में बात की जा रही है, जो न केवल स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए एक वरदान भी है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, गुड़ शरीर और दिमाग का पोषण करता है। हर्बल चाय में 10-20 ग्राम गुड़ पीना या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, शुन्थी और सूखे अंगूर से बने काढ़ा प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और सर्दी को रोकता है।
आयुर्वेद में इसे ‘मेडिसिनल शुगर’ कहा जाता है, जो 3000 वर्षों से दवा में उपयोगी है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ऑफ अमेरिका के अनुसार, गुड़, गन्ना गुड़ पोषक तत्वों का एक भंडार है। इसमें जस्ता, मैग्नीशियम, लोहा और पोटेशियम जैसे खनिज शामिल हैं, जो प्रतिरक्षा को मजबूत करते हैं। गुड़ में जड़ी -बूटियों या मसालों को मिलाकर, इसके स्वास्थ्य लाभ में और वृद्धि होती है। यह सफेद चीनी का एक स्वस्थ विकल्प है, जो पाचन में सुधार और संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
आयुर्वेद का कहना है कि गुड़ से बनी चाय ताजगी देती है और सुस्ती को हटा देती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दिन में एक या दो बार गुड़ हर्बल चाय पीने से स्वास्थ्य के लिए कई लाभ मिलते हैं।
इसके एंटी-एलर्जी गुण फेफड़ों में एलर्जी के तत्वों को रोकते हैं, जो कि तकलीफ और खांसी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यह गुड़, गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में भी प्रभावी है। इसमें डिटॉक्स गुण भी हैं, जो शरीर से हानिकारक तत्वों को हटाते हैं। इसमें मौजूद लोहे हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है, जो रक्त को साफ रखता है और एनीमिया के जोखिम को कम करता है। गुड़ की नियमित खपत शरीर के दर्द जैसी सामान्य समस्याओं से बचाने में भी प्रभावी है।
भारत गुड़ का एक प्रमुख उत्पादक देश है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर्बल काढ़े के साथ गुड़ लेना विशेष रूप से फायदेमंद है। यह न केवल ऊर्जा देता है, बल्कि धीरे -धीरे रक्त शर्करा को बढ़ाता है, जो मधुमेह के रोगियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प भी हो सकता है।
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