नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य पूर्व के देश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने एक नया नामांकन -आधारित गोल्डन वीजा कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें, विदेशी नागरिक (भारतीयों सहित) एक निश्चित शुल्क का भुगतान करके जीवन भर यूएई में रह सकते हैं।
इस नए गोल्डन वीजा कार्यक्रम के आगमन के साथ, विदेशी नागरिकों के लिए पहले की तुलना में संयुक्त अरब अमीरात में बसना बहुत आसान होगा। इससे पहले, 10 -वर्ष के अक्षय रेजीडेंसी वीजा के लिए, 2 मिलियन एईडी (लगभग 4.7 करोड़ रुपये) यूएई में स्थानीय अचल संपत्ति में निवेश किया जाना है।
वर्तमान में, यूएई सरकार ने गोल्डन वीजा कार्यक्रम के बारे में कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि यह गोल्डन वीजा शुल्क लगभग 1,00,000 एईडी (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम) या भारतीय रुपये में 23.3 लाख रुपये में तय किया गया है। इसे प्राप्त करने के लिए, पहले की तरह स्थानीय संपत्ति में कोई निवेश नहीं करना होगा।
खबरों के मुताबिक, यह वर्तमान में पायलट चेहरे पर भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए शुरू किया जाएगा। पहले तीन महीनों में 5,000 से अधिक आवेदनों की संभावना है।
यूएई सरकार ने गोल्डन वीजा कार्यक्रम के लिए RAID समूह का चयन किया है। RAID समूह की विशेषज्ञ टीम गोल्डन वीजा कार्यक्रम के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए प्रोफ़ाइल का मूल्यांकन करेगी। इसके बाद, अनुमोदन के लिए यूएई सरकार को आवेदन भेजे जाएंगे।
रिपोर्टों के अनुसार, इस गोल्डन वीजा कार्यक्रम की विशेष विशेषता यह है कि आपको दुबई जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए आवेदन वास्को सेंटर (वीजा कंजर्विस सर्विस कंपनी) और भारत और बांग्लादेश में छापे समूह के कार्यालयों के माध्यम से किए जा सकते हैं।
रिपोर्टों में बताया गया है कि लाइफटाइम गोल्डन वीजा के बारे में विशेष बात यह है कि आवेदक अपने परिवार को दुबई भी ला सकता है। घरेलू सहायता के लिए कर्मचारियों को भी नियुक्त कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, आवेदक संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी या खुद का व्यवसाय भी चला सकता है।
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