नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। हिंदू राष्ट्रवाद एक ऐसा विचार है जिसे आज के समय में सबसे अधिक चर्चा का विषय माना जाता है, लेकिन जिसकी समझ कम से कम विकसित है। अब एक नई पुस्तक ‘द सोल ऑफ अनसन: अंडरस्टैंडिंग द हिंदू नेशनलुमज़’ इस विचारधारा को स्पष्ट करने और उससे संबंधित गलतफहमी को दूर करने के उद्देश्य से जल्द ही बाजार में आने वाली है।
यह पुस्तक लेखक और प्रसिद्ध स्तंभकार अरुण आनंद द्वारा लिखी गई है। पुस्तक अगले महीने प्रकाशित की जाएगी और बेस्टसेलर बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
यह पुस्तक न केवल राजनीतिक या मीडिया के नजरिए से, बल्कि एक सभ्य और दार्शनिक दृष्टिकोण से हिंदू राष्ट्रवाद के विचार को समझाने की कोशिश करती है। यह प्राचीन भारतीय सोच परंपरा से लेकर आधुनिक राज्य संचालन तक इस विचारधारा की यात्रा को कवर करता है।
लेखक का दावा है कि यह पुस्तक हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा और उसके मूल सिद्धांतों की पहली अच्छी तरह से -संगठित और पूर्ण व्याख्या है। अब तक इस विचारधारा को अक्सर आलोचकों द्वारा गलत समझा जाता है या इसके समर्थकों द्वारा अधूरा प्रस्तुत किया गया है।
इस भ्रम का मुख्य कारण यह है कि इस विषय पर प्रामाणिक और समग्र विश्लेषण पुस्तकों की कमी है। यह पुस्तक उस कमी को भरने का एक प्रयास है।
लेखक अरुण आनंद का मानना है कि यह पुस्तक न केवल पाठकों, नीति निर्माताओं और पूरी दुनिया के पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगी। यह 5,000 वर्षों में भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक सत्य की परतों को उजागर करेगा।
हिंदू राष्ट्रवाद हाल के दशकों में देश की राजनीति और सामाजिक प्रवचन में एक प्रभावशाली विचार के रूप में उभरा है। ऐसे समय में, इस विचारधारा की एक संतुलित, गहन और अनुसंधान व्याख्या की आवश्यकता महसूस की गई थी, जिसे यह पुस्तक पूरा करती है।
पुस्तक ‘द सोल ऑफ अनसन: अंडरस्टैंडिंग द हिंदू नेशनलुमज़’ भी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध होगी।
-इंस
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