• August 2, 2025 10:42 pm

5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध संभव है: अनुसंधान

5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध संभव है: अनुसंधान


नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, जिन्हें गंभीर कुपोषण की शिकायत की जाती है, उन्हें एंटी -एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधी बैक्टीरिया प्राप्त करने की अधिक संभावना होती है। यह एक शोध में सामने आया है।

विश्व स्तर पर लगभग 4.5 करोड़ बच्चे हैं, जो 5 वर्ष से कम उम्र के हैं और साथ ही गंभीर कुपोषण भी हैं। इन बच्चों में टीबी या सेप्सिस जैसे घातक संक्रमणों का जोखिम कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण अधिक है। यह शोध इंडो -ऑक्सफ़ोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर एंटीमाइक्रोबियल रिसर्च के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।

इस नए शोध में कहा गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोधी बैक्टीरिया इन बच्चों में अधिक फैल रहे हैं। यह दक्षिण अफ्रीका के निगार के एक अस्पताल में गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों में अधिक देखा जा रहा है।

जर्नल ऑफ नेचर कम्युनिकेशन में अनुसंधान प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस बैक्टीरिया को 76 प्रतिशत बच्चों में देखा गया है और इसके विस्तारित स्पेक्ट्रम बीटा लैक्टामिस जीन को देखा गया था। यह अधिकांश एंटीबायोटिक दवाओं को कमजोर कर सकता है।

शोध लेखक डॉ। क्रिस्टी सैंड्स ने कहा, “ये इस दुनिया के असुरक्षित बच्चे हैं और हम देख रहे हैं कि यह बैक्टीरिया भी जीवन -एंटीबायोटिक दवाओं को प्रभावित नहीं कर रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि हमारा शोध निगार के अस्पताल में ही किया गया है, लेकिन यह दुनिया के अन्य अस्पतालों में भी देखा जा सकता है। कुपोषण और फिर एएमआर दुनिया भर में युद्ध और जलवायु परिवर्तन जैसी मानवीय आपदाओं के कारण बढ़ रहे हैं।”

एंटीबायोटिक्स जीवन की बचत दवाएं हैं, जो एएमआर को प्रभावित नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों के साथ बिना सीमाओं के काम करने वाले शोधकर्ताओं ने 5 साल से कम उम्र के 1,371 बच्चों के 3,000 से अधिक रेक्टल स्वैब का अध्ययन किया, जिन्होंने गंभीर कुपोषण की शिकायत की। ये शिकायतें 2016 और 2017 के बीच हुईं।

इनमें से, 70 प्रतिशत बच्चे जो कार्बापनेम-प्रतिरोध बैक्टीरिया पाए गए थे, जो भर्ती के समय नहीं थे। कार्बापनेम एंटीबायोटिक है जिसे आखिरकार जब सभी एंटीबायोटिक्स विफल होते हैं तो दिया जाता है।

अनुसंधान इस बात पर जोर देता है कि इस समस्या से बचने के लिए संक्रमण को रोकने के लिए और अस्पतालों की सुरक्षा की बड़ी कंपनियों को सबसे असुरक्षित बच्चों को बचाने के लिए जांच की जानी चाहिए।

-इंस

जेपी/एबीएम



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