‘नीरज’, जिन्होंने ‘एक भाई जारा देखके चलो …’ की रचना की, ‘जो कि खता तुझे’ लिखते थे, खुद को ‘दुर्भाग्यपूर्ण कवि’ मानते थे।
‘नीरज’, जिन्होंने ‘एक भाई जारा देखके चालो …’ की रचना की ‘ Source link
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