नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। डेंगू एक बार फिर मानसून के मौसम के दौरान लोगों को चिंता का कारण बना रहा है। मच्छर के काटने से फैली यह बीमारी अक्सर बुखार के रूप में शुरू होती है, लेकिन इसका प्रभाव उच्च तापमान तक सीमित नहीं है। कई बार, डेंगू के साथ ठीक होने के बाद भी, मरीजों को थकान, कमजोरी, जोड़ों में दर्द और हफ्तों तक भूख लगने जैसी समस्याओं के साथ संघर्ष करना जारी है। इसका कारण यह है कि बीमारी के दौरान, शरीर में प्लेटलेट्स का तेजी से गिरावट, पोषक तत्वों की कमी और शरीर में पानी की कमी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू के बाद की वसूली न केवल आरामदायक है, बल्कि न केवल सही भोजन के माध्यम से है। यदि रोगी में अपने आहार में कुछ पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं, तो कमजोरी को जल्दी से दूर किया जा सकता है और शरीर को फिर से अपनी ऊर्जा मिल सकती है। ऐसी स्थिति में, इन चार सुपरफूड्स को डेंगू से उबरने के बाद आहार में शामिल किया जाना चाहिए।
डेंगू के दौरान, शरीर में तरल पदार्थों की भारी कमी होती है, जिससे थकान और चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नारियल पानी एक प्राकृतिक उपचार की तरह काम करता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर को फिर से ऊर्जा देता है और हाइड्रेटेड रखता है। यह पेट पर भी हल्का है, जो पाचन संबंधी समस्याओं में राहत देता है।
डेंगू में गिरने वाले प्लेटलेट काउंट को संभालना सबसे महत्वपूर्ण है। पपीता को लंबे समय से एक प्राकृतिक प्लेटलेट बूस्टर माना जाता है। इसमें मौजूद विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जबकि पापैन नाम का एंजाइम पाचन में मदद करता है। विशेष बात यह है कि पपीता एक फल के रूप में भी प्रभावी है और इसके पत्तों का रस भी कई मामलों में फायदेमंद माना जाता है।
इसके अलावा, पत्तेदार साग जैसे पालक, मेथी, सरसों और बीट के पत्ते लोहे और विटामिन में समृद्ध होते हैं। ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध, ये सब्जियां रक्त की गुणवत्ता में सुधार करती हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सहयोग करती हैं।
इसी समय, सूखे फल डेंगू के बाद कमजोरी को दूर करने और शरीर को निरंतर ऊर्जा देने में भी सहायक होते हैं। बादाम, अखरोट, खजूर और किशमिश जैसे सूखे फल स्वस्थ वसा, प्रोटीन और खनिजों में समृद्ध होते हैं और न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक तनाव भी होते हैं।
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पीके/केआर