नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में मोबाइल उत्पादन वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 2,13,773 करोड़ रुपये से लगभग 146 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 5,25,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह जानकारी सरकार द्वारा मंगलवार को दी गई थी।
इसी अवधि के दौरान, वित्त वर्ष 2024-25 में मोबाइल फोन का निर्यात लगभग 775 प्रतिशत बढ़कर 2,00,000 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 22,870 करोड़ रुपये था।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियुश गोयल ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारे जैसी योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, रोजगार सृजन और निर्यात में भी वृद्धि हुई है।
पीएलआई योजना ने प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों को अन्य देशों से भारत में अपने उत्पादन को स्थानांतरित करने के लिए आकर्षित किया है। नतीजतन, भारत एक प्रमुख मोबाइल फोन निर्माता देश बन गया है।
पीएलआई योजना के कारण, फार्मा क्षेत्र में कच्चे माल के आयात में भी बड़ी कमी आई है। पेनिसिलिन-जी सहित अद्वितीय मध्यवर्ती सामग्री और थोक दवाओं का उत्पादन भारत में किया जा रहा है और प्रौद्योगिकी को चिकित्सा उपकरणों (सीटी स्कैन, एमआरआई आदि) के निर्माण में स्थानांतरित किया गया है।
व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना का उद्देश्य भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत घटक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जिसका उद्देश्य देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का अभिन्न अंग बनाना है।
इसके उद्घाटन के बाद, भारत ने एयर कंडीशनर के लिए कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब्स, हीट एक्सचेंजर, मोटर और कंट्रोल असेंबली जैसे मुख्य घटकों के साथ -साथ एलईडी चिप पैकेजिंग, ड्राइवर, इंजन, लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और एलईडी सेगमेंट में कैपेसिटर के लिए स्थानीयकृत फिल्म जैसे मुख्य घटकों का स्थानीय उत्पादन शुरू कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि इस बदलाव ने आयात पर निर्भरता कम कर दी है और घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सरकार ने मेक इन इंडिया 2.0 पहल भी शुरू की है, जो वर्तमान में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों द्वारा लागू 27 क्षेत्रों पर केंद्रित है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने देश में विनिर्माण निवेश की सुविधा के लिए राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारे विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
-इंस
Abs/