नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। आईआईटी दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और प्रोफेसर अजय माथुर के पूर्व डीजी ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता के साथ बैटरी भंडारण क्षमता का विस्तार करना आवश्यक है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए, अजय माथुर ने कहा कि देश में सौर ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है। दिन के दौरान सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग रात में अधिक किया जाता है। इस कारण से बैटरी भंडारण क्षमता बढ़ाना भी आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक वर्ष में नीलामी में सौर, हवा और भंडारण की कीमत 5 रुपये प्रति यूनिट से कम रही है, जबकि इस अवधि के दौरान नए कोयला संयंत्रों से उत्पन्न बिजली की कीमत 5 रुपये से अधिक रही है।
इस कारण से हमें अब आगे बढ़ने के लिए सौर, हवा और भंडारण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
माथुर ने आगे कहा कि 2030 तक, भारत आराम से 500 GW की अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को पार कर जाएगा।
केंद्रीय और नवीकरणीय ऊर्जा (MNRE) के केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता ने दिसंबर 2024 तक 15.84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो अब दिसंबर 2023 में 180.80 GW से बढ़कर 209.44 GW हो गई है।
इस अवधि के दौरान, सौर ऊर्जा क्षेत्र ने 24.54 गीगावाट की वृद्धि के साथ इस वृद्धि का नेतृत्व किया, जो अपनी संचयी स्थापित क्षमता में 33.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो 2023 में 73.32 Ggawatt से बढ़कर 2024 में 97.86 GW हो गया है।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत ऊर्जा संक्रमण में दुनिया के नेताओं में से एक के रूप में उभरा है और 2030 तक 500 GW पुनर्जागरण ऊर्जा क्षमता को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें सौर ऊर्जा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।
राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक सौर क्षमता वृद्धि में एक प्रमुख राज्य के रूप में उभरे हैं, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल स्थापना का 94 प्रतिशत है।
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