भागलपुर, 2 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर में मुख्यमंत्री नीरा पदोन्नति योजना के तहत नीरा प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन बुधवार को, कुलपति प्रो। डॉ। सिंह ने किया। यह कदम नीरा टेपर और विक्रेताओं की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री नीरा पदोन्नति योजना के तहत, नीरा और विक्रेताओं को बाहर निकालने वालों की आजीविका में सुधार हो रहा है।
भागलपुर के एक किसान लखन चौधरी ने कहा कि वह बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थे। लेकिन, अब कोई चिंता नहीं है, वे स्कूल जा रहे हैं और अब हमारा भविष्य भी सुरक्षित लगता है।
एक लाभार्थी और उद्यमी, रजनीश गुप्ता ने कहा कि नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक फायदेमंद है, और यह कई रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (SABOUR) के कुलपति डॉ। सिंह ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। हमारे वैज्ञानिक 2012 से इस पर काम कर रहे हैं और बिहार सरकार ने नीरा को संरक्षित करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार करने पर केंद्रित एक परियोजना का भी समर्थन किया है। यह तकनीक 2022 में सफलतापूर्वक विकसित की गई थी। मुझे खुशी है कि तीन साल के अथक प्रयासों के बाद हम नीरा को 3 से 6 महीने तक रख सकते हैं। सभी खनिज नीरा में मौजूद हैं। पाचन के लिए इसका सेवन भी बहुत फायदेमंद है। बिहार में नीरा उद्योग के विकास में नीरा प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। नीरा टॉपर्स के लिए एक उज्ज्वल भविष्य और बेहतर आजीविका की उम्मीद की जा रही है।
मुख्यमंत्री नीरा पदोन्नति योजना बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य नीरा (टोडी) उत्पादन को बढ़ावा देना है और नीरा टेपर्स (जूस एक्सट्रैक्टर्स) और पेड़ के मालिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और स्थानीय आत्म -रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए लागू की गई है।
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