नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)। 15 जुलाई 1916, यह वह तारीख है जब एक कंपनी, जो सिएटल, यूएसए में एक छोटी सी कार्यशाला के साथ शुरू हुई थी, ने भविष्य में स्काई की परिभाषा को बदल दिया। दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक, बोइंग का सपना न केवल महसूस किया गया था, बल्कि यह पूरी दुनिया में सुना गया था। चाहे वह वाणिज्यिक विमान हो या रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा मिशन, बोइंग ने हर उत्पाद में प्रौद्योगिकी, शक्ति और प्रतिष्ठा का एक अद्भुत संयोजन दिखाया। लेकिन, जब इतिहास चमकता है, तो उस पर अंधेरा और भी गहरा दिखता है। बोइंग का वर्तमान और विशेष रूप से इसका ‘ड्रीमलाइनर 787’ मॉडल इस अंधेरे का एक उदाहरण बन रहा है।
2011 में, जब बोइंग ने वाणिज्यिक उड़ानों के लिए ड्रीमलाइनर 787 लॉन्च किया, तो इसे विमानन प्रौद्योगिकी की क्रांति माना गया। हल्के वजन, कम ईंधन की खपत, लंबी दूरी की क्षमता और यात्री-केंद्रित आरामदायक डिजाइन ने इसे दुनिया भर में एयरलाइनों की पहली पसंद बना दिया। बोइंग को पहले दस वर्षों में 1,000 से अधिक ड्रीमलाइनर विमानों के लिए आदेश मिले। लेकिन इस ‘सपने’ के विमान की कहानी में, शुरुआत से ही दरारें थीं, जिसे बोइंग ने नजरअंदाज कर दिया, लेकिन समय ने इसे उजागर किया।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी और ईंधन दक्षता के लिए जाना जाता है, अपने इतिहास में कई विवादों से भी घिरा हुआ है। 2010 में, विमान की परीक्षण उड़ान के दौरान आग की एक गंभीर घटना ने इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाए। इसके बाद, 2013 में, लिथियम-आयन बैटरी की खराबी ने जापान में बोइंग 787 की आपातकालीन लैंडिंग का कारण बना, जिससे इसकी तकनीकी विश्वसनीयता पर और संदेह हुआ। हाल के वर्षों में, 2023-2024 के दौरान, बोइंग के अंदर से विवादों की आवाज़ें तेज हो गईं जब पूर्व इंजीनियरों ने कंपनी की निर्माण प्रक्रिया और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाए। इन घटनाओं ने बोइंग 787 के इतिहास को एक अनसुलझा और विवादास्पद अध्याय बना दिया है, जिसने इसकी छवि को प्रभावित किया है।
बोइंग ने अक्सर आलोचना से इनकार कर दिया है कि ड्रीमलाइनर आज तक कभी भी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ है। हालांकि, यह आखिरी ढाल 2025 में एयर इंडिया के अहमदाबाद-लोंडन फ्लाइट नंबर AI-171 के ड्रीमलाइनर के दुर्घटना के बाद भी टूट गया। इस घटना ने न केवल ड्रीमलाइनर की विश्वसनीयता पर एक प्रश्न चिह्न उठाया, बल्कि बोइंग की पूरी सुरक्षा संस्कृति पर भी सवाल उठाया। क्या बोइंग ने इनोवेशन रेस में सुरक्षा पर समझौता किया?
बोइंग ने हमेशा दावा किया है कि सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कंपनी का कहना है कि निर्माण प्रक्रिया में किसी भी तरह की समस्या विमान की ताकत या उड़ान योग्यता को प्रभावित नहीं करती है। लेकिन, जब कंपनी के अंदर से इसके कामकाज पर सवाल पूछे जा रहे हैं, तो ये दावे लोगों और नियामकों के बीच अपना आत्मविश्वास खो देते हैं।
1916 में, जिस साहस के साथ विलियम बोइंग ने कंपनी की नींव रखी थी, उसे पिछले 100 वर्षों में बोइंग द्वारा दृढ़ता से किया गया था। आज यह कंपनी तीन प्रमुख क्षेत्रों, वाणिज्यिक हवाई जहाज, रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा और वैश्विक सेवाओं में दुनिया की जरूरतों को पूरा कर रही है। 150 देशों में सेवाएं 1,70,000 से अधिक कर्मचारियों और लाखों आपूर्तिकर्ताओं के साथ बोइंग प्रौद्योगिकी और अवसर का प्रतीक बन गई हैं।
-इंस
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